वर्तमान में रेणु गुप्ता स्वतंत्र लेखन एवं ऑनलाइन अंग्रेज़ी शिक्षण करती हैं। वह लघुकथा, कहानी, लेख, व्यंग, ब्लॉग, उपन्यास, आदि विधाओं में लेखन करती हैं। ।
उनकी कहानियाँ, लघुकथाएँ एवं लेख अनेक प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं यथा ‘मधुमती’ (राजस्थान साहित्य अकादमी), ‘हरिगंधा’, ‘राजस्थान पत्रिका’, ‘अमर उजाला’, ‘लघुकथा वृत’, ‘सांध्य टाइम्स’, ‘लोकमित्र’, ‘श्री राम एक्स्प्रेस’, ‘ट्यूलिप टुडे’, ‘पलाश’, ‘सरस्वती सुमन,’ ‘लघुकथा कलश’, ‘ग्वालियर किरण,’ ‘सरिता’, ‘मुक्ता’, ‘गृहशोभा’, ‘मेरी सहेली’, ‘जागरण सखी’ में प्रकाशित हो चुकी हैं।
नेट पर अनेक पोर्टल यथा प्रतिलिपि, स्टोरीमिरर, मातृभारती पर उनकी लघुकथाएँ एवं कहानियाँ प्रकाशित हो चुकी हैं। ई - पत्रिका दसबस.कॉम पर उनके 157 लेख एवं कहानियां प्रकाशित हो चुकी हैं।
उनका एकल लघुकथा संकलन ‘आधा है चंद्रमा’ जून, 2023 में प्रकाशित हो चुका है। उनकी कुछ लघुकथाएँ एवं कहानियाँ अनेक साझा संकलनों यथा समय की दस्तक, बाल मन की लघुकथाएँ, स्वरांजलि, रत्नावली, मनमुक्ता, मानवता की लड़ाई, मां, दीया तले अंधेरा, दमकते लम्हे, बूंद में सागर, ‘हमें भी अधिकार है’ में प्रकाशित हो चुकी हैं। ई लघुकथा संकलन - हिंदी के प्रमुख लघुकथाकार एवं एक लेखक की ग्यारह लघुकथाएँ शृंखला के अंतर्गत ई – लघुकथा संकलन में उनकी कुछ लघुकथाएँ प्रकाशित हुई हैं।
एक लंबी कहानी (9,000 शब्द) ईबुक के रूप में किंडल, अमेज़ॉन पर स्वप्रकाशित की गई है। उनका एक उपन्यास एवं कहानी संकलन प्रकाशनाधीन है।
20 मार्च, 2022 को विश्व गौरैया दिवस के अवसर पर महाराष्ट्र राज्य हिन्दी साहित्य अकादमी, मुंबई द्वारा आज़ादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत एक चिड़िया, अनेक चिड़ियाँ कार्यक्रम में इनकी एक लघुकथा का वाचन हुआ।
अनेक वार्ताएं आकाशवाणी, गुवाहाटी से प्रसारित। एक लघुकथा पर शॉर्ट फिल्म निर्मित।
रेणु गुप्ता स्वतंत्र लेखन के साथ साथ स्कूली विद्यार्थियों एवं महिलाओं हेतु ऑनलाइन अंग्रेज़ी शिक्षण भी (ग्रामर एवं स्पोकेन इंगलिश) करती हैं। वह विविध प्रतियोगी परीक्षाओं यथा बैंक, स्टाफ सिलेक्शन कमीशन, एनडीए हेतु ऑनलाइन अंग्रेज़ी कक्षाएँ लेती हैं।